राहु
राहु
और केतु राग-द्वेष के नाटक को दर्शाता है। जो कि मन में आ रहे नफ़रत और आर्कषण को
अवचेतन मन की तरफ ले जाता है। वे तत्व होते हैं जिससे मानसिक उतेजना और मानसिक
शांति का आभाव होता है।
राहु
की पीड़ा पिछले जन्मों के अनसुलझे रहस्यों के कारण अवचेतन पीड़ा से सम्बध रखती है।
की पीड़ा पिछले जन्मों के अनसुलझे रहस्यों के कारण अवचेतन पीड़ा से सम्बध रखती है।
ये
अचेतन मन और अवचेतन मन को समझने की जरूरत की ओर सकेंत करता है और असुलझे मामलों को
जागृत अवस्था में लाता है।
अचेतन मन और अवचेतन मन को समझने की जरूरत की ओर सकेंत करता है और असुलझे मामलों को
जागृत अवस्था में लाता है।
राहु
के अंधेरे और छिपे हुए क्षेत्रों की तरफ आकर्षण आसानी से नीचली या नाकारात्मक
क्षेत्रीय तत्वों की तरफ मोड़ सकता है और जिससे व्यक्ति अधार्मिक क्रियाओं के
मार्ग पर चल पड़ता है। गलत तरह की अधायात्मिक अभ्यासों से सावधान रहें, जोकि
तारकीय शरीर को बहुत अधिक खोल या नष्ट कर सकता है। नाकारात्मक जगहों, लोगो और किसी
प्रकार के नशे के दूर रहे। दृढ और परिशुद्ध इच्छाओं को जागृत करें और उनसे सचेत
रहे।
के अंधेरे और छिपे हुए क्षेत्रों की तरफ आकर्षण आसानी से नीचली या नाकारात्मक
क्षेत्रीय तत्वों की तरफ मोड़ सकता है और जिससे व्यक्ति अधार्मिक क्रियाओं के
मार्ग पर चल पड़ता है। गलत तरह की अधायात्मिक अभ्यासों से सावधान रहें, जोकि
तारकीय शरीर को बहुत अधिक खोल या नष्ट कर सकता है। नाकारात्मक जगहों, लोगो और किसी
प्रकार के नशे के दूर रहे। दृढ और परिशुद्ध इच्छाओं को जागृत करें और उनसे सचेत
रहे।
राहु
कठोर अनिवार्य लालसा से जुड़ा हुआ है। जो कि आमतौर पर अचैतन्य और पिछले कर्मो की
निराशा के कारण आती हैं। वे जल्द ही बुरी आदतों में बदल जाती है।
कठोर अनिवार्य लालसा से जुड़ा हुआ है। जो कि आमतौर पर अचैतन्य और पिछले कर्मो की
निराशा के कारण आती हैं। वे जल्द ही बुरी आदतों में बदल जाती है।
राहु
के योग उपचार मूलतः मन की कठोर आदतों का आत्म निरीक्षण करने, उन्हें स्वीकार करने
और अलगाव करने के लिए होते है।
के योग उपचार मूलतः मन की कठोर आदतों का आत्म निरीक्षण करने, उन्हें स्वीकार करने
और अलगाव करने के लिए होते है।
बिना
आसक्त हुए और बिना बल की अपेक्षा और नक्षत्रीय ज्ञान के अनुभव के अपने व्यक्तिगत
उदेश्यों और इच्छाओं को उच्च आध्यात्मिक उदेश्यों के लिए व्यक्त और प्रणालीकृत
करें।
आसक्त हुए और बिना बल की अपेक्षा और नक्षत्रीय ज्ञान के अनुभव के अपने व्यक्तिगत
उदेश्यों और इच्छाओं को उच्च आध्यात्मिक उदेश्यों के लिए व्यक्त और प्रणालीकृत
करें।
आध्यात्मिक
बल, गोपनीय जानकारी, आस्था, तपस्या और वियोग को विकसित करके डर पर जीत हासिल करना।
बल, गोपनीय जानकारी, आस्था, तपस्या और वियोग को विकसित करके डर पर जीत हासिल करना।
केतु
केतु
हमारे पिछले जन्मों से साथ लाए हुए अंहकार, भौतिकवादी मोह और पिछले संस्कार रस या
मानसिक प्रभाव और इच्छाओं को त्यागने की जरूरत को दर्शाता है।
हमारे पिछले जन्मों से साथ लाए हुए अंहकार, भौतिकवादी मोह और पिछले संस्कार रस या
मानसिक प्रभाव और इच्छाओं को त्यागने की जरूरत को दर्शाता है।
केतु
उन चीजों को दिखाता जो हमने अपने पूर्व काल में बहुत अधिक किया है और अब उनसे
समझौता करने की ज़रूरत है। केतु पूर्वकाल के अंहकार और की गई गलितयों के लिए दोषी
ठहराता है।
उन चीजों को दिखाता जो हमने अपने पूर्व काल में बहुत अधिक किया है और अब उनसे
समझौता करने की ज़रूरत है। केतु पूर्वकाल के अंहकार और की गई गलितयों के लिए दोषी
ठहराता है।
केतु
घरों और निशान के द्वारा संकेत किए गए स्थान या सयुंक्त ग्रह जो जीवन के उन
क्षेत्रों को अध्यात्मिक बनाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
घरों और निशान के द्वारा संकेत किए गए स्थान या सयुंक्त ग्रह जो जीवन के उन
क्षेत्रों को अध्यात्मिक बनाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
यह
ऐसा आमतौर पर जीवन से संबधित क्षेत्रों के प्रति अरूचि और अलगाव रखकर करते है।
ऐसा आमतौर पर जीवन से संबधित क्षेत्रों के प्रति अरूचि और अलगाव रखकर करते है।
केतु
उर्जा को संभालने की सबसे बेहतर तकनीक अध्यात्मिक क्रियाएं है जैसे कि एकांतवास,
चिन्तन अवस्था, आत्मविशलेषण, संन्यास, प्रचीन अध्यात्मिक ग्रंथो और वेदों के
तत्वों का अध्ययन करना, सहज ज्ञान का अनुसरण करना, मृत्यु और कामुक संसार और
संसारिक अल्पकालिक प्रकृति को समझना।
उर्जा को संभालने की सबसे बेहतर तकनीक अध्यात्मिक क्रियाएं है जैसे कि एकांतवास,
चिन्तन अवस्था, आत्मविशलेषण, संन्यास, प्रचीन अध्यात्मिक ग्रंथो और वेदों के
तत्वों का अध्ययन करना, सहज ज्ञान का अनुसरण करना, मृत्यु और कामुक संसार और
संसारिक अल्पकालिक प्रकृति को समझना।
राहु
और केतु दोनो एक आधार के तौर पर होते है जो राग और द्वेष का अभिनय करते है। घृणा
और इच्छा जो मन में उतार-चढ़ाव पैदा करती वे अंतरिक शांति को चुरा लेती है।
और केतु दोनो एक आधार के तौर पर होते है जो राग और द्वेष का अभिनय करते है। घृणा
और इच्छा जो मन में उतार-चढ़ाव पैदा करती वे अंतरिक शांति को चुरा लेती है।
कर्मो
और आंतरिक संघर्ष को समझने और सुलझाने के लिए उनके चलन को समझना बहुत आवश्यक
है।
और आंतरिक संघर्ष को समझने और सुलझाने के लिए उनके चलन को समझना बहुत आवश्यक
है।
Dr. Shanker Adawal
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